एक अरसा हुआ खुद को हसते हुए देखे
चलो आज बचपन के कुछ खेल खेले हम
जमाना बदल गया पर दस्तूर अब भी वही तो पुराना है
चलो आज किसी से रूठे .और किसी रूठे हुए को मना ले हम
कुरेद के दिल के जख्मो को अब जान लो कुछ न होगा
आओ कुछ खेल खेले बचपन के और जख्मो को सी ले हम
टूटे खिलौना कोई और बच्चे का मचल कर रोना
चलो आज दिल के कुछ दाग यु ही धो ले हम